सुनो नहरों की पुकार मिशन ने नहरों में कुछ भी न डालने को किया जागरूक

सुनो नहरों की पुकार मिशन ने नहरों में कुछ भी न डालने को किया जागरूक

वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ संजय पांचाल रोहतक, जल प्रकृति की अनमोल धरोहर है बिना पानी के जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती। पीने के लिए शुद्ध जल हमारे लिए जरूरी है क्योंकि स्वच्छ एवं सुरक्षित जल अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है। यह कहना है ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के सदस्य डॉ. रविंद्र नांदल का। वे वीरवार को ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल कारौर में विद्यार्थियों को नहरों में बढ़ते जल प्रदूषण के बारे में और जल बचाने को जागरूक कर रहे थे। मिशन के मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर सिंह व उनकी टीम के सदस्यों का स्कूल के डायरेक्टर ईश्वर सिंह शास्त्री, प्रिंसिपल ज्योति मलिक ने स्वागत किया। इस दौरान टीम से जुड़े जाट कॉलेज के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया और जल बचाने और उसे किसी भी प्रकार से प्रदूषित न करने का संकल्प भी विद्यार्थियों को दिलवाया गया।

डॉ. नांदल ने कहा कि जल प्रकृति का अनुपम वरदान है। वर्तमान में हम सभी जल का दोहन अनावश्यक रूप से करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं, जिससे हम सभी को सचेत होना पड़ेगा। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम के 2070 के भारत का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों को चेताया कि जल सरंक्षण अति आवश्यक है। अगर ऐसा नहीं किया तो भविष्य में पेयजलदायिनी नहरों से जल प्राप्त करना एक कड़ी चुनौती होगी मिशन के मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर सिंह ने बताया कि अंध विश्वास के चलते पृथ्वी के सबसे बुद्धिजीवी लोगों द्वारा पेयजलदायिनी नहरों में विभिन्न प्रकार का अपशिष्ट सामान डाला जा रहा है। जिससे पेयजल का अधाधुंध दोहन हो रहा है डॉ. जसमेर सिंह ने कहा कि जल प्रदूषण के कारण विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियां बढ़ती जा रही है अत: लोगों को समय रहते पानी की स्वच्छता और निर्मलता के लिए आगे आना होगा। नहीं तो पानी से गंभीर बीमारियां आने से कोई नहीं रोक सकता साइकिलिस्ट मुकेश नैनकवाल ने विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने और उनकी रक्षा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति की रक्षा करना हम सब का नैतिक कर्तव्य है। बढ़ते वायु प्रदूषण से हमें पेड़ पौधे ही राहत दिलवा सकते हैं इसलिए हमें ज्यादा ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। उन्होंने जल जनित बीमारियों से बचाव के बारे भी विद्यार्थियों को जागरूक किया स्कूल के डायरेक्टर शास्त्री ईश्वर सिंह ने कहा कि जिस कदर प्राकृतिक जलस्त्रोतों का अधाधुंध दोहन किया जा रहा है और जलश्रोतों को बचाने व संवारने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, वह आने वाली पीढिय़ों के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने टीम के सदस्यों को आश्वस्त किया कि वे स्वच्छ पेयजल के प्रति विद्यार्थियों को समय-समय पर जागरूक करते रहेंगे इस मौके पर डॉ. जसमेर सिंह, मुकेश नैनकवाल, डॉ. रविंद्र नांदल, अजय हुड्डा, प्रीत सिंह अहलावत, जतिन मलिक, करण, लेखा, कमल, रोहित, नीकिता, निशु, अंशु, हिमांशु, दीपक,  आशीष व स्कूल के स्टाफ सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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