झज्जर 04 जनवरी। डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि जिलाभर में संचालित सभी सरकारी तथा गैर सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों, डिलिवरी हट व अन्य संस्था जहां पर महिलाओं की डिलिवरी करवाई जाती है,टीकाकरण कार्यक्रम के तहत नवजात बच्चे को 24 घंटे के भीतर हैपेटाईटस बी,ओरल पोलियो वैक्सीन तथा बीसीजी की डोज देना एक जनवरी से अनिवार्य किया गया है। ऐसा न करने पर संस्था को पांच सौ रुपये प्रति बच्चा जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे में संबंधित संस्थान शिशु का टीकाकरण सुनिश्चित करें।
उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सभी आंगनवाडी सेंटरों के माध्यम से टीकाकरण बारे गर्भवती महिलाओं को सूचना दें। उन्होंने जिला में संचालित सभी इंट भट्टों के मालिक, हैचरी व अन्य ऐसी जगह जहां पर प्रवासी मजदूर रह रहें हो, वहां भी गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में करवाने के लिए प्रेरित करें ताकि कोई भी नवजात बच्चा यह तीनों डोज के बिना वंचित न रहें।
सरकार द्वारा निर्देशित सूची के अनुरूप टीके लगवाए जाएं
डीसी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुछ वैकल्पिक टीके भी शिशुओं को लगवाने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों को सरकार द्वारा निर्देशित टीकाकरण सूची के अनुसार टीके लगवाए जाएं, तो बचपन में होने वाली बीमारियों के मामले काफी हद तक कम हो जाएंगे। साथ ही पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में भी काफी कमी आ जाएगी। इस सारणी का उद्देश्य इन बीमारियों को पूरी तरह से खत्म करना है। उन्होंने अभिभावकों का आह्वान किया कि वे अपने 9 से 12 महीने के बच्चों को एफआईपीवी3 की डोज अवश्य दिलवाएं। इसके लिए आंगनवाडी व आशा वर्कर नवजात शिशुओं की माताओं को प्रेरित करें।
बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के टीकाकरण अनिवार्य
सिविल सर्जन डॉ ब्रह्मदीप सिंह ने बताया कि टीकाकरण, शिशु को गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है। चिकित्सकों की सलाह है कि बच्चों को बचपन की सबसे आम और खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित करने के लिए टीके लगवाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि शिशु और छोटे बच्चों को विशेष तौर पर इन बीमारियों का खतरा होता है। यही कारण है कि टीकाकरण जन्म के समय से ही शुरु हो जाता है और डॉक्टर से शिशु का चेकअप करवाने का ये सबसे जरूरी कारण होते हैं। नवजात को जन्म के 24 घंटे के अंदर दी जाने वाली यह जरूरी डोज एक जनवरी से टीकाकरण कार्यक्रम के तहत शिशु को नियमित तौर पर डिलिवरी संस्था द्वारा दी जाएगी।