
वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ संजय पांचाल रोहतक, भरतपुर रियासत के संस्थापक अजेय योद्धा महाराजा सूरजमल की जयंती है। इनसो छात्र नेता दीपक मलिक ने जाट कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन कर महाराजा सूरजमल जी की छायाचित्र को पुष्प अर्पितकर उनको नमन किया। छात्रों ने जाटों के प्लेटो धर्म रक्षक अफलातून महाराज सूरजमल के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। उनके वीरता पूर्वक किए गए कार्यों याद किया गया ।
छात्रों ने महाराज सूरजमल से प्रेरणा लेकर सदैव धर्म की रक्षा और महिलाओं की सुरक्षा का संकल्प लिया। छात्र नेता दीपक मलिक ने कहा कि महाराज सूरजमल किशोरावस्था से ही बहुत ताकतवर, साहसी यौद्धा, धैर्यवान, गंभीर, दयालु व दूरदर्शी तथा राष्ट्रवादी सोच के मालिक थे। दूरदर्शी सोच के कारण ही उन्होंने अजेय दुर्ग लोहागढ़ की स्थापना की थी। महाराजा सूरजमल का जन्म 13 फरवरी 1707 को भरतपुर के सिनसिनी गांव में हुआ था। महाराज सूरजमल के नेतृत्व में जाटों ने मुगलों को परास्त कर आगरा, फरुक्खाबाद से लेकर बिजनौर, पानीपत, दिल्ली तक के क्षेत्र पर अपना अधिकार कर लिया था। 25 दिसम्बर 1763 की रात को दिल्ली के शाहदरा इलाके के पास हिंडन नदी के किनारे पर मुगल सेना द्वारा घात लगाकर किए गए एक हमले में महाराज सूरजमल वीरगति को प्राप्त हुए थे। महाराज की वीरता और शौर्य का मुगलों में इस कदर खौफ था कि मृत्यु के पश्चात भी मुगलों को सहज ही ये विश्वास नहीं हुआ था कि सूरजमल मारे गए। मुगल शासक ये कहते थे कि ‘‘जाट मरा तब जानिए जब तेरहवीं हो जाएं।’’ दीपक मलिक ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि महाराज सूरजमल ऐसे महान प्रतापी और पराक्रमी यौद्धा थे जो दोनों हाथों से तलवार चलाते थे।
दीपक मलिक ने कहा की युवाओं को महाराजा सूरजमल जी के संघर्ष और साहसी जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए । दीपक मलिक ने बताया कि महाराजा सूरजमल ने अपने जीवनकाल में कुल 80 युद्ध लड़े थे और वो सभी युद्धों में विजयी रहे थे. उनके पराक्रम और कुशल रणनीति के चलते मुगल, मराठा और अंग्रेज तक उनका लोहा मानते थे. यहां तक कि मराठों ने तो महाराजा सूरजमल से युद्ध में सहायता भी मांगी थी. जिसके प्रमाण इतिहास के पन्नों में भी मिलते हैं। इस मोके पर जाट कॉलेज इनसो के प्रधान मोहित संगवान,सुधीर बल्हारा, मोहित नैन, दीपक वर्मा, प्रियंका देशवाल, मोनी बल्हारा, अजय ,प्रयास, अंकित टोकस, दीपक हूड़ा, मनदीप शर्मा, नेहा रेढ़ू, मोनिका यादव आदि सेकडो छात्र मौजूद रहे ।