चिरायु और एनीमिया मुक्त हरियाणा के लिए सबका सहयोग जरूरी : सीटीएम

चिरायु और एनीमिया मुक्त हरियाणा के लिए सबका सहयोग जरूरी : सीटीएम

वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ झज्जर, सीटीएम परवेश कादियान ने कहा है कि एनीमिया मुक्त हरियाणा को लेकर सरकारी विभागों के अलावा सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। तभी हमारे बच्चे स्वस्थ हो पाएंगे। अध्यापकों को भी पढाई के दौरान बच्चों को पौष्टिक आहार की जानकारी देनी चाहिए। स्कूलों में विद्यार्थियों के हेल्थ कार्ड बनाए जाएं ,ताकि उनकी समय -समय पर स्वास्थ्य जांच की जा सके।
सीटीएम सोमवार को लघु सचिवालय सभागार कक्ष में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही चिरायु हरियाणा,एनीमिया मुक्त हरियाणा,निरागी योजना,पीसी पीएनडीटी एक्ट,ई-उपचार,प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन आदि कार्यक्रमों को लेकर अधिकारियों की बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर काफी गंभीर है। सरकार की ओर से बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को भी सरकार के निर्णयों के अनुसार काम करते हुए बच्चों के स्वास्थ्य सुधार की दिशा में काम करना है। बहुत से ऐसे आहार हैं जिनमें भरपूर मात्रा में आयरन, विटामिन आदि होते हैं और ये आहार  हमारे आस पास ही आसानी से उपलब्ध हैं। ऐसे आहारों के बारे में संबंधित अध्यापक को अपनी कक्षा में बच्चों को जानकारी देनी चाहिए और शिक्षा विभाग की ओर से इनको लेकर प्रतियोगिताएं भी करवाई जाएं।
चिरायु हरियाणा योजना के तहत अब तक डेढ लाख से ज्यादा लोगों के कार्ड जेनरेट
उन्होंने चिरायु हरियाणा योजना की समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों से फीड बैक लिया और कहा कि योजना के पात्र परिवारों के कार्ड निर्धारित समयावधि में बनाए जाएं,ताकि पात्र व्यक्तियों तक योजना का लाभ पहुंचे। सिविल सर्जन डा ब्रह्मदीप सिंह ने बैठक में बताया कि अब तक डेढ लाख से ज्यादा पात्र लाभार्थियों के कार्ड जनरेट किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि चिरायु हरियाणा प्रदेश सरकार फ्लैगशिप कार्यक्रम है,जिसके चलते एक लाख 80 हजार रुपए से कम आय वाले चिन्हित परिवारों को पांच लाख रुपए तक निशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है।
पीसीपी एनडीटी एक्ट की प्रभावी रूप से हो पालना
सीटीएम परवेश कादियान ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीसीपी एनडीटी एक्ट की प्रभावी रूप से पालना की जाए। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात सुधार कार्यक्रम पर और गंभीर होकर कार्य करना होगा। बिना आवश्यक फार्म भरे अल्ट्रासाउंड करने वाले केंद्रों पर पैनी नजर रखनी होगी। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात सुधार के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमें आपसी तालमेल से कार्य करें,परिणाम बेहतर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि कम लिंगानुपात वाले गांवों व शहरी क्षेत्रों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाने के साथ-साथ निगरानी भी रखनी होगी,एंटी लारवा एक्टिविटी को बढ़ाया जाए। बैठक में डिप्टी सीएमओ डा मनोज सैनी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

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