वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए किया गया सम्मानित जाने माने विज्ञान पत्रकार, फ़िल्म निर्माता तथा साइंस के लोकप्रिय कार्यक्रम ज्ञान विज्ञान व साइंस मॉनिटर के निर्माता-निर्देशक राकेश अंदानिया को विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया है। वर्ष 2022 के लिए उन्हें यह अवार्ड इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संचार हेतु किए गए उत्कृष्ट प्रयासों के लिए दिया गया। अवार्ड राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, 28 फरवरी, को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में 6 अन्य विभूतियों व कर्नाटक विज्ञान और प्रौद्योगिकी अकादमी के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर भारत सरकार के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के विजय राघवन ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस व्याख्यान दिया। भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रो. ए के सूद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. एस चंद्रशेखर तथा एनसीएसटीसी के प्रमुख डॉ. मनोरंजन मोहंती ने भी समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर पुरस्कार विजेताओं की उपलब्धियों व इन अवार्ड्स के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया बता दें कि यह अवार्ड भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत नेशनल कॉउन्सिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (एनसीएसटीसी) द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और ऐसी वैज्ञानिक प्रकृति को बढ़ावा देने के लिए जिसने विगत 5 वर्षों के दौरान देश में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, किसी व्यक्ति अथवा संस्थान को प्रतिवर्ष प्रदान किए जाते हैं। कुल छह केटेगरी में दिए जाने वाले इन awards के तहत प्रत्येक विजेता को एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और दो लाख रुपए नकद दिए जाते हैं अन्य अवार्ड विजेताओं में प्रोफेसर मायाधर स्वाईं, भुवनेश्वर; डॉ. बीजू धर्मपालन, तिरुवनंतपुरम; डॉ. कृष्णराव अप्पासानी, हैदराबाद; डॉ. उदय कुमार काकरु, नई दिल्ली; तरुण कुमार जैन, जयपुर, अंजन बनिक, अगरतला और बेंगलुरु की कर्नाटक विज्ञान और प्रौद्योगिकी अकादमी के प्रतिनिधि शामिल रहे गौरतलब है कि मूल रूप से रोहतक के चुन्नीपुरा निवासी तथा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र राकेश अंदानिया पिछले करीब 25 सालों से दिल्ली में रहकर विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रहे हैं। लोकसभा टीवी, राज्यसभा टीवी और डीडी नेशनल पर उनके विज्ञान आधारित खबरों के साप्ताहिक कार्यक्रम ज्ञान विज्ञान, साइंस दिस वीक, साइंस मॉनिटर काफ़ी लोकप्रिय रहे हैं। इसके अलावा, वे यूट्यूब पर अपना चैनल “न्यूज़ इन साइंस” भी चला रहे हैं, जो युवाओं को विज्ञान के क्षेत्र की नई नई जानकारियां देने के साथ साथ विज्ञान के विषय में उनकी रुचि को भी बढ़ाता है। वे अनेक डॉक्यूमेंट्री और लघु फिल्में भी बना चुके हैं। पिछले ही महीने उनकी फिल्म “सेविंग द हिमालयन याक” ने भोपाल में हुए इंटरनेशनल साइंस फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया में तीसरा पुरस्कार हासिल किया था। उनके प्रोडक्शन हाउस “क्रेडेंस मीडिया सॉल्यूशन्स” को 12वें दादा साहेब फाल्के फ़िल्म फेस्टिवल-22 में ‘बेस्ट प्रोडक्शन हाउस’ का अवार्ड भी मिल चुका है। राकेश की बनाई फिल्में अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों का हिस्सा बन चुकी हैं।उल्लेखनीय है कि 1992 में हरियाणा विज्ञान मंच, रोहतक को विज्ञान लोकप्रियकरण के लिए एनसीएसटीसी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। उस समय राकेश अंदानिया हरियाणा विज्ञान मंच का हिस्सा थे और यह अवार्ड लेने गए थे। अब 31 वर्ष बाद उन्होंने फिर से इस सम्मान को हासिल किया। राकेश अंदानिया की इस उपलब्धि पर भारत ज्ञान विज्ञान समिति से के. के. कृष्ण कुमार, आशा मिश्रा, कांशीनाथ चैटर्जी, जोगिंदर वालिया, जय सोमनाथन, अंशुमाला गुप्ता, बिनय पटनायक, आकाशवाणी रोहतक के पूर्व निदेशक कैलाश वर्मा, रंगकर्मी महेश वशिष्ठ व विश्वदीपक त्रिखा, डॉ. सतीश त्यागी, प्रमोद गौरी, बलजीत भ्याण, सुरेंदर पाल सिंह, प्रो. सुभाष सैनी, डॉ. सतीश कालरा, राममोहन राय, इंद्रजीत सिंह, बलबीर मलिक, परमानंद शास्त्री, सत्यपाल सिवाच, मंगत राम शास्त्री, नरेश सैनी, राजपाल दहिया, कृष्ण मलिक, राजेन्द्र कुमार, डॉ. संतोष मुदगिल, डॉ. मंजीत मानवी, अविनाश सैनी, वेदप्रिय, ओमपाल सैनी और रेनू यादव सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने बधाई दी है।