वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ वैश्य आर्य कन्या महाविद्यालय, बहादुरगढ़ में विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में विज्ञान विभाग द्वारा करवाई जा रही विभिन्न गतिविधियों के अंतिम दिन विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन करवाया गया। विज्ञान प्रदर्शनी में छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। महाविद्यालय की प्राचार्या डाॅ0 राजवंती शर्मा जी ने विजेता छात्राओं को बधाई देते हुए विज्ञान की महता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है। आज हर जगह सिर्फ विज्ञान का ही बोलबाला है। कलम से लेकर लैपटॉप तक सबकुछ विज्ञान की ही देन है। आज सौ फीसदी हम विज्ञान पर ही आश्रित है। जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि विज्ञान ने कितनी तरक्की कर ली है। यह कैसे संभव हुआ ? हम इतने आधुनिक कैसे हो गए? यह सब विज्ञान की मदद से संभव हुआ। विज्ञान ने हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विज्ञान आज से नहीं कई वर्षों से मानव विकास से जुड़ा हुआ है विज्ञान के बिना आज के समय में मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। दुनिया के अन्य विकसित देशों की तरह भारत का योगदान विज्ञान के क्षेत्र में काफी अहम रहा है। आज के समय में भारत दुनिया के कई अग्रणी देशों की कतार में खड़ा है। जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में काफी तरक्की की है।
इस अवसर पर डॉ0 वी.पी. श्योराण जी ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाते हुए विज्ञान विषय से संबंधित जानकारी छात्राओं के साथ साझा की। विज्ञान हमारे समाज की रीढ़ है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी हमारे दिन- प्रतिदिन के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम यह सब थोड़ेे समय में कर लेते हैं। विज्ञान की मदद से असाध्य रोगो का इलाज संभव हो पाया है। जिसे पहले मानव सोच भी नहीं सकता था उसे आज विज्ञान ने संभव कर दिया है।
इस मौके पर राजकीय कॉलेज बादली से आए हुए डॉ0 अंजू सिवाच ने विज्ञान की परिभाषा देते हुए कहा कि प्रकृति में मौजूदा वस्तुओं के क्रमबद्ध अध्ययन को विज्ञान कहते हैं। विज्ञान व्यवस्थित ज्ञान है जो अध्ययन, विचार, अवलोकन तथा प्रयोग से मिलता है। जो किसी अध्ययन के विषय की प्रकृति को जानने के लिए किया जाता है विज्ञान के मदद से आज हमारा जीवन आसान और आरामदायक हो गया है। आज हम विज्ञान के उपहार स्वरूप दिए गए उपकरणों के अभाव में अपना कार्य नहीं कर सकते तथा यहां तक कि हमारा जीवित रहना भी मुश्किल हो सकता है।
श्री मनीष जिदंल जी, प्रधान वैश्य आर्य कन्या महाविद्यालय ने छात्राओं को बधाई दी। उपप्रधान श्री प्रेंम बंसल जी ने छात्राओं के अच्छे प्रयास की सराहना की।
महाविद्यालय की भौतिक विज्ञान की प्रवक्ता डॉ0 भारती मिश्रा ने बताया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी नें हमें आधुनिक सभ्यता की स्थापना के लिए प्रेरित किया है। यह विकास हमारे दैनिक जीवन की लगभग हर पहलू में बहुत योगदान देता है अगर हम इसके बारे में सोचते हैं तो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कई लाभ हैं सुबह का पेपर जो हम पढ़ते हैं जो हमें विश्वसनीय जानकारी देता है वैज्ञानिक प्रगति का परिणाम है।
रसायनिक विज्ञान की प्रवक्ता कुमारी जयश्री ने बताया कि रसायनिक विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पदार्थों के संगठन, संरचना, गुणांे तथा रसायनिक अभिक्रिया के दौरान इनमें हुए परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। जिसका शाब्दिक अर्थ है रस$आयन मतलब रसो का अध्ययन। विज्ञान हमारे अंदर महत्तवपूर्ण सोच व समस्या समाधान जैसे कौशलों का विकास करती हैं। हमारे दैनिक जीवन में जो गतिविधियां और अनुभव हम महसूस करते हैं उन्हीं के आधार पर हम कह सकते हैं कि हम और विज्ञान एक दूसरे के लिए बने हुए हैं।
विज्ञान प्रदर्शनी में लगभग 60 छात्राओं ने भाग लिया जिसमें छात्राओं ने रोबाॅट, होलोग्राम, रॉकेट, एसिड रेन, लावा लैंप, हाइड्रोलिक जे.सी.बी, हवादार कूलर, हाइड्रालिक लिफट, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सिलिका और रेयान को तैयार करना, सैट, त्रिकोणमिती आदि से संबंधित मॉडल बनाए। डाॅ0 वेद प्रकाश श्योरण, डाॅ0 अंजु सिवाच और ज्योती ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई।
यू.जी. में उमा ने होलोग्राम बनाकर प्रथम स्थान, मुस्कान व पूजा द्वितीय वर्ष नें अम्लीय वर्षा से संबंधित माडॅल बनाकर द्वितीय स्थान तथा अंक्षिता और पिंकी तृतीय वर्ष नें तृतीय स्थान प्राप्त किया। पी.जी. में मुस्कान, प्राची, पूर्णिमा व पुजा ने आॅडियो ट्राॅसमीटर बनाकर प्रथम स्थान, काजल, अनु, खुशबु व सानवी नें वेस्ट वाॅटर से संबंधित माडॅल बनाकर द्वितीय स्थान तथा सरिता प्रीती और तमन्ना ने त्रिकोणमिती सूत्र की ट्रिक बनाकर तृतीय स्थान हासिल किया।
इस दौरान कॉलेज की प्रवक्ता वर्ग श्रीमती ज्योति, तमन्ना, प्रिया, ज्योति, रीतु, आरती, स्वीटी, कुमारी दिप्ती, निकिता, रचना, रेनुका, कोमल, दिव्या आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।