सरकार द्वारा जयपुर की याशी कंपनी द्वारा प्रॉपर्टी सर्वे में किया गया घोटाले पर सख्त कार्रवाई की जाए – बजरंग गर्ग

सरकार द्वारा जयपुर की याशी कंपनी द्वारा प्रॉपर्टी सर्वे में किया गया घोटाले पर सख्त कार्रवाई की जाए – बजरंग गर्ग

वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ संजय पांचाल रोहतक, हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव  बजरंग गर्ग व रोहतक जिला प्रधान पंकज सचदेवा ने नगर निगम पार्षदों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि सरकार ने जयपुर की याशी कंपनी को प्रदेश की प्रॉपर्टी सर्वे का काम 18 करोड़ 11 लाख रूपये में दिया गया था। मगर याशी कंपनी द्वारा प्रॉपर्टी की सर्वे जमीनी स्तर पर करने की बजाएं दफ्तर में बैठकर सिर्फ पेपर की खानापूर्ति की गई है। उसके बाबजूद भी सरकार ने याशी कंपनी की सर्वे रिपोर्ट को जांच करके पेमेंट करने की बजाएं, याशी कंपनी को 18 करोड़ 11 लाख रूपये पेमेंट करने की बजाएं उसे कई गुणा बढ़ाकर 57 करोड़ से ज्यादा की पेमेंट सरकार द्वारा की गई। यह प्रदेश में बहुत बड़ा एक ओर घोटाला है। इस घोटाले बाबत चंडीगढ़ में निकाय विभाग की मीटिंग में नगर निगम के सभी मेयरों द्वारा प्रोपर्टी की गलत सर्वे करने व याशी कंपनी को नगर निगम हाउस में विरोध होने के बावजूद भी पेमेंट करने पर भारी नाराजगी जताई। बजरंग गर्ग ने कहा आज नगर निगम के मेयरों की मीटिंग स्थानीय निकाय मंत्री व अधिकारियों के साथ जो चंडीगढ़ में हुई उस मीटिंग में भी मेयरों ने काफी गंभीर आरोप याशी कंपनी पर लगाए और कारवाई करने की मांग की। बजरंग गर्ग ने हरियाणा के राज्यपाल महामहिम बंडारू दत्तात्रेय से मांग कि है कि प्रॉपर्टी सर्वे की याशी कंपनी की उच्चस्तरीय जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और याशी कंपनी से जनता के खून पसीने की कमाई को ब्याज सहित वसूलने की मांग की है, नहीं तो कांग्रेस पार्टी व प्रदेश की आम जनता  सड़कों पर उतर कर प्रदेश भर में जोरदार आंदोलन करेगी। बजरंग गर्ग ने यह भी कहा कि प्रॉपर्टी सर्वे में 20 प्रतिशत कमी पाने पर कानूनी तोर पर सरकार को याशी कंपनी का टेंडर रद्द करना चाहिए था। जबकि 75 प्रतिशत से ज्यादा हरियाणा में प्रॉपर्टी की गलत सर्वे हुई है। बजरंग गर्ग ने कहा कि जबकि नगर निगम के हाउस ने याशी कंपनी के खिलाफ प्रस्ताव पास करके सरकार को भेजे थे। याशी कंपनी द्वारा सर्वे सारा गलत है उसके खिलाफ कार्रवाई करके कंपनी की पेमेंट रोकी जाए उसके बाबजूद भी सरकार ने याशी कंपनी को निश्चित पेमेंट से भी ज्यादा पेमेंट दे दी। जबकि नगर निगम शहर की अपनी सरकार होती है। सरकार को बताना चाहिए की बिना नगर निगम के पास किए याशी कंपनी को पेमेंट किसके दबाव में की गई और प्रॉपर्टी सर्वे के घोटाले में किस-किस बड़े नेता का हाथ है। सरकार उन नेताओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। जबकि याशी कंपनी ने बनी हुई प्रॉपर्टी के साथ-साथ लाखों खाली प्लाटों को भी अपनी सर्वे में दिखा कर आम जनता को नगर निगम के बार-बार चक्कर लगाने पर मजबूर किया है। इसी प्रकार पूरे हरियाणा की जनता को नगर निगम के चक्कर लागने पड़ रहे है।

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