मोटे अनाज की खेती का दायरा बढ़ाने पर सरकार का विशेष फोकस

मोटे अनाज की खेती का दायरा बढ़ाने पर सरकार का विशेष फोकस

वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ झज्जर, 05 मार्च। डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने आमजन से आह्वान किया है कि वे मोटे अनाज यानि श्री अन्न को अपनी डेली डाइट में शामिल करें। मिलेट्स यानी मोटा अनाज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इतना ही नहीं भोजन में मोटे अनाज का अपना अलग महत्व है जैसे कि बाजरा, कैल्शियम से भरा होता है, ज्वार में पोटेशियम और फास्फोरस होता है, और कंगनी में फाइबर होता है जबकि कोदो आयरन से भरपूर होता है। इसलिए हमें सभी तरह के मिलेट्स खाते रहना चाहिए।
डीसी ने बताया कि केंद्र सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई घोषणा के अनुसार वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। केंद्र सरकार का उद्देश्य लोगों को मिलेट्स के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है ताकि हर देश, इलाके के लोग इसे अपनी डाइट में शामिल करें और मिलेट्स के लिए किसानों को अच्छा बाजार और अच्छे दाम मिल सकें।
गेहूं और मक्का की तुलना में मिलेट्स पोषक तत्वों से भरपूर
कैप्टन शक्ति सिंह ने बताया कि मिलेट्स, गेहूं और मक्का की तुलना में, पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, और ग्लूटेन फ्री भी होते हैं. इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. इनमें उच्च मात्रा में डाइटरी फाइबर, सभी आवश्यक अमीनो एसिड, विटामिन और मिनरल्स के साथ प्रोटीन भी होता है और इसके कारण ये ब्लड ग्लूकोज लेवल को मेंटेन करते हैं। मिलेट्स खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है। मिलेट्स, एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्त्रोत हैं जिसमें बीटा-ग्लूकेन्स, फ्लेवोनोइड्स, एंथोसायनिडिन, टैनिन, लिग्नन्स और पोलिकोसैनोल शामिल हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और आर्टरीज को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं मिलेट्स में अच्छी मात्रा में डाइटरी फाइबर होने से डाइजेस्टिव सिस्टम अच्छा होता है. इससे कब्ज, पेट फूलना, सूजन, ऐंठन जैसी परेशानियां कम से कम होती हैं। लिवर और किडनी जैसे अन्य महत्वपूर्ण अंगों के स्वास्थ्य में सुधार होता है और इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है।
सुपरफूड और स्मार्टफूड हैं मिलेट्स : डीसी
डीसी ने बताया कि कम पानी, उर्वरक और कीटनाशकों के साथ कम उपजाऊ मिट्टी में भी मिलेट्स को उगाया जा सकता है. उच्च तापमान में भी ये अच्छा ग्रो करते हैं और इसी कारण इन्हें क्लाइमेट स्मार्ट अनाज कहा जाता है। मिलेट्स सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं. मिलेट्स में प्रोटीन, फाइबर, बी विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक, पोटेशियम, कॉपर और सेलेनियम सहित बहुत से पोषक तत्व होते हैं. मिलेट्स एंटीऑक्सीडेंट, फ्लेवोनोइड्स, एंथोसायनिन, सैपोनिन और लिग्नांस का एक पावर हाउस भी हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं, इसलिए इन्हें सुपर फूड कहा जाता है। ये ब्लड ग्लूकोज लेवल को मेंटेन करते हैं।
मोटे अनाज वाली थाली कुपोषण के खिलाफ रामबाण
उन्होंने बताया कि आज जब विश्व का बड़ा हिस्सा कुपोषण से लड़ रहा है भारत की मोटे अनाज वाली थाली कुपोषण के खिलाफ रामबाण का काम करेगी। वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत वाले भारत के मोटा अनाज वर्ष के प्रस्ताव की महत्ता को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र ने इसे स्वीकार किया और अब हम सभी भारतीयों का उत्तरदायित्व है कि हम अपने अपने स्तर पर इसे सफल बनाने के लिए प्रयास करें। भारत सरकार मोटे अनाज की खेती का दायरा बढ़ाने पर बल दे रही है। मोटा अनाज वर्ष के माध्यम से एक साथ कई लक्ष्यों को साधा जा सकता है। मोटा अनाज के प्रति जागरूकता बढऩे से जहां ज्वार, बाजरा आदि की खेती का रकबा बढ़ेगा वहीं कुपोषण की समस्या का भी समाधान हो पाएगा।

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