वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ बहादुरगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल की ओर से शहीदी दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इनेलो कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक स्थल पर पहुंचकर शहीदों को नमन करते हुए अपने भावपुष्प अर्पित किए।
शहीदों को नमन करने उपरांत युवा इनेलो नेता कपूर सिंह राठी ने कहा कि भारत के महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांसी दी गई थी। इनकी शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। भगत सिंह ने 23 साल की युवा उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लडऩे की प्रेरणा मिली थी। भगत सिंह ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें देखते हुए कई लोगों ने क्रांतिकारी मार्ग को अपनाया। देश की आजादी की लड़ाई में महान स्वंतत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 23 मार्च ही वह दिन है, जब ये तीनों महान देशभक्त अपने देश के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए थे। उन्होंने कहा कि भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव भारत मां के वे सच्चे सपूत थे, जिन्होंने अपनी देशभक्ति और देशप्रेम को अपने प्राणों से भी अधिक महत्व दिया और मातृभूमि के लिए प्राण न्योछावर कर गए। 23 मार्च शहीद दिवस पर पूरा देश इन वीरों के बलिदान को भीगे मन से श्रद्धांजलि देता है। 12 साल की उम्र में शहीदे आजम भगत सिंह आजादी के आंदोलन में कूद पड़े थे। भगत सिंह अपने साहसी कारनामों के कारण युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए थे। उन्होंने ही इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया। आज भी पूरे विश्वभर में शहीद भगत सिंह का नाम असंख्य बलिदानियों में सबसे पहले लिया जाता है। आज भी असंख्य युवाओं के लिए उनकी बलिदान प्रेरणा स्त्रोत है। इस मौके पर इनेलो पूर्वांचल प्रकोष्ठ के संयोजक प्रदीप सिन्हा, पैक्स चेयरमैन रामनिवास सैनी, ईश्वर छिल्लर, अनिल मदान, ओमप्रकाश डोरा, मनीष अहलावत, अलीशेर खान, राज सिंह वर्मा, विपिन टाक, हेमराज, जयभगवान सैनी, सूरजमल दलाल, अजीत दलाल, अनंत राम, देवराज गंभीर, मास्टर सुखबीर सरोहा, कपिल, नितेश, दीपांशु, दीपक, हिमांशु, सिप्पी शर्मा, काला सैनी सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।