श्री महावीर की प्रतिमा का 529 वां प्रतिष्ठा महोत्सव

श्री महावीर की प्रतिमा का 529 वां प्रतिष्ठा महोत्सव

चौथे दिन अभिषेक ज्ञान कल्याणक व समवशरण विधान किया गया

वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़  रोहतक, मैत्री भाव कैसा हो मैत्री और मित्र का एक दूसरे से संबंध है। दो भावना से एक बना है। दूसरे को आपस में समझना हमारे जीवन में आ गया वही मित्र का प्रतीक है। रोहतक की धरा पर पहली बार श्री दिगम्बर जैन अतिशिय क्षेत्र द्वारा आयोजित 6 दिवसीय महोत्सव के चौथे दिन झज्जर रोड पर स्थित जैन जती जी के प्रांगण में प्रभु जी का अभिषेक ज्ञान कल्याणक व समवशरण विधान श्रद्धालुओं ने मूलनायक भगवान श्री महावीर जी की प्रतिमा का 529 वां प्रतिष्ठा महोत्सव बड़े आनन्द के साथ किया। यह उजागर ब्रह्मचारी धीरज भैया समवशरण विधान में बैठे श्रद्धालुओं को जहां एक दूसरे के प्रति सही है वही मित्र हैं सभी जीवों के प्रति आत्मा के परिणाम निम्रलहोने का नाम मित्र है। वही इत्र के समान है। जिसकी सुगंधी फैलानी नहीं पड़ती बल्कि अपने फैल जाती है। सबके प्रतिमेत्री का भाव ही जीव को सबके दिल में स्थापित कराता है। मित्र सही है तो मेला में जाने का आनंद अलग ही होता है। न किसी से आगे, न किसी के पीछे बल्कि एक साथ चलने वाला, बुराईयों को दूर करने वाला, हमारे अंदर अच्छाईयों का संचार करने वाला ही मित्र होता है भगवान का समवशरण इसी बात का प्रतीक है जहां समान रूप में सभी के प्रति व्यवहार एक सा होना होता है। वहां न कोई छोटा, न कोई बड़ा होता है न कोई अमीर न ही गरीब होता है। वहां वह भगवान के करीब होता है। आज सुबह से ही समवशरण के आज सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए मीडिया प्रभारी राजीव जैन ने बताया आज के मुख्य यजमान समाज सेवी अजीत जैन, राजीव  जैन, विकास दलाल, चक्रेश जैन ने आज की श्रीजी का जलाअभिषेक एवं महाशांतिधारा संपन्न की। विधानाचार्य नीतिन भैया ने मंत्र उच्चारण करके प्रातः 6 बजे श्री जी का अभिषेक एवं महाशांतिधारा संपन्न की तत्पश्चात समवशरण का विधि विधान से विधान करवा कर अष्ट द्रव से बना महाअध्र्य भगवान के चरणों में श्रद्धालुओं ने समर्पित किया और सभी ने संगीतमय महाआरती की। भोपाल से आये सुप्रसिद्ध कलाकार व रोहतक एण्ड पार्टी ने  अपने मीठे व अध्यात्मिक संगीत के भजनों प्रभु भगतों से कैसी दूरिया, मैं दूरिया मिटाने आ गया, यह जीवन एक सपना है यहा ना कोई अपना है छूटे ना मेरा धर्म ओ आत्मा, महावीर की वाणी फिर से आये भटक रही है दुनिया सारी सही राह दिखाये को गाकर ऐसा समा बांधा की सभी श्रद्धालु महिलाएं व पुरुष आनंदित होकर नृत्य करने लगे और ऐसा लगा जैसे स्वर्ग से देव उतर आये हो। सारा पण्डाल महावीर भगवान के जयकारे से गूंज उठा। महिलाओं ने भी जमकर नृत्य किया विधानाचार्य के द्वारा आज आदिनाथ का एल.ई.डी. पर भगवान का ज्ञान कल्याणक स्वरूप दिखाया। यह सभी कार्यक्रम समाजसेवी उद्योगपति राजेश जैन की अध्यक्षता में संपन्न हो रहे है। समिति के सदस्यों ने सभी पधारे अतिथियों व इन्द्रों का मोती की माला, पटका, अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया आचार्या गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल आर्शीवाद से श्री 108 प्रणय सागर जी महाराज जी का चन्द्र सागर महाराज के प्रेरणा स्त्रोत से यह महोत्सव मनाया जा रहा है।

इस अवसर पर राजीव जैन, विकास दलाल, शलेन्द्र जैन, राजेश जैन डी.एल.एफ, शलेष जैन, चक्रेश जैन, अनुज जैन, अनिल जैन बैंक वाला, रवि जैन, मनोज जैन डब्बू, अतुल जैन, अनिल जैन लोहिया, वरूण जैन, वेद प्रकाश जैन, बलजीत राय जैन, नवीन जैन, गौतम जैन, सुनील जैन, सतीश जैन उपस्थित थे बुद्धवार सांय 7.30 बजे सिविल रोड पर स्थित सराय श्री दिगम्बर जैन मंदिर में मूल नायक भगवान महावीर स्वामी जी का महामस्ताभिषेक प्रातः 7.30 बजे से शुरू होकर प्रातः 10 बजे तक किया जायेगा।

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