अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहतक मेधा भूषण ने बताया कि साइबर ठग अब ई-चालान भुगतान के बढते ट्रेंड को हथियार बनाकर लोगो को अपना शिकार बना रहे है। उन्होने आगे बताया कि फोन पर ई-चालान का संदेश आने पर जल्दबाजी कर भुगतान ना करे। संदेश की जांच करे वरना जल्दबाजी के चक्कर मे बैंक खाता खाली भी हो सकता है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर ठग इस तरीके से हूबहू नकली संदेश तैयार करते है जंहा साइबर ठग भुगतान करने के लिये संदेश मे नीचे एक फर्जी लिंक भेजते है। इस प्रकार साइबर ठग हूबहू मैसेज तैयार कर लेते है जिसमे लिखा हुआ आता है कि आपका चालान कट गया है और आप इस लिंक पर क्लिक कर चालान भर सकते है।
इस तरह करते है ठगी-
साइबर ठग की तरफ से आने वाले लिंक पर क्लिक कर भुगतान की कोशिश मे धोखाधड़ी हो रही है। जैसे ही कोई भी वाहन मालिक चालान भरने के लिये लिंक पर क्लिक कर बैंक अकाउंट डिटेल या डेबिड/क्रेडिट कार्ड की जानकारी डालता है, वैसे ही हैकर्स सबसे पहले उसके फोन को हैक करते है। थोडी देर तक फोन को अपने कंट्रोल मे रख कर बैंक खाता या डेबिट/क्रेडिट का पूरा बैलेंस साफ कर देते है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि ई-चालान के असली मैसेज मे आपके वाहन के इंजन नंबर, चेसिस नम्बर सहित अन्य जानकारी शामिल होती है जबकि फर्जी मैसेज मे यह जानकारी नही होती। इसके साथ कभी भी ई-चालान का मैसेज किसी भी मोबाइल नम्बर से नही आता है। जिस लिंक को खोलकर चालान का भुगतान कर रहे है, उस वेबसाइट का लिंक https से शुरू होकर gov.in. से खत्म होन चहिए। वही ई-चालान का मैसेज आने पर mparivahan की साइट पर जाकर भी जांच कर सकते है।
ऐसे पहचाने असली और नकली लिंक –
इस ठगी के जाल से बचने के लिये मैसेज मे आने वाले मात्र एक शब्द को देखना है। हमेशा वाहन का चालान कटने मे लिंक मे सरकारी साइड का एड्रेस- https://echallan.parivahan.gov.in/ आता है। अब ठग चालाकी के साथ हुबहु सरकारी मैसेज मे लिंक मे मामूली सा अंतर कर देते है, जिसे थोडी सी सतर्कता से पहचाना जा सकता है। ठग की तरफ से आने वाले मैसेज मे https://echallan.parivahan.in/. का लिंक होता है। आमजन यह ध्यान रखे की असली लिंक मे gov.in. जरूर होगा।
एएसपी रोहतक ने बताया कि अगर आपके साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी हो जाती है तुरंत नेशनल साइबर कंप्लेंट पोर्टल नंबर 1930 पर कॉल करें और www.cybercrime.gov.in पर आनलाईन शिकायत दर्ज कराये जितनी जल्दी हो सके तुरंत कंप्लेंट न. 1930, डायल 112 पर या कंप्लेंट पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाये और इसके अलावा नजदीक पुलिस स्टेशन में जाकर साइबर हेल्प डेस्क या साइबर थाना रोहतक की मदद ले।