छठ महापर्व पर जय छठ मैया समिति द्वारा यमकेश्वर तीर्थ हुसैनी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ब्रह्ममूर्त में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों का व्रत सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और पूरे विधि-विधान के साथ सूर्य देव की पूजा-अर्चना की गई।
बता दें कि हरियाणा सरकार द्वारा भी गत दिवस 7 नवम्बर को राज्य स्तरीय छठ उत्सव कुरूक्षेत्र में आयोजित किया गया था। जिसमें मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने बतौर मुख्यतिथि कार्यक्रम में शिरकत कर देशवासियों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दी गई थी।
यमकेश्वर तीर्थ हुसैनी के घाट पर श्रद्धालुओं ने छठी माता के गीत गाकर ओर सूर्य भगवान की पूजा अर्चना कर अर्घ्य दिया। जय छठ मैया समिति नारायणगढ के प्रधान प्रतोष तिवारी ने बताया कि व आस-पास के क्षेत्र में पूर्वाचंल प्रदेशों के बुहत से लोग यहां रहते है जोकि पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ छठ पर्व मनाते है। इस पर्व की महत्ता को समझते हुए अब यहां के स्थानीय लोग भी उनके पर्व के आयोजन में शामिल होकर उनकी खुशीयों को बढाने का काम कर रहे है। उन्होने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि छठ पूजा का मुख्य दिन होता है।
भारतीय योग संस्थान नारायणगढ़ के पदाधिकारी एवं सदस्य तथा शहर के गणमान्य व्यक्ति आज तडक़े यमकेश्वर तीर्थ हुसैनी में पहुंचे जहां पर कि छठ पर्व कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इन सभी लोगों ने श्रद्धालुओं को छठ पर्व की शुभकामनाएं दी और इस पर्व के महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा हर सम्भव सहयोग की बात कही।
भारतीय योग संस्थान के जोन प्रधान संजय धीमान ने छठ पर्व के शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छठ पर्व भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है, जो हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने का संदेश देता है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि वे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और स्वास्थ्य के लिए योग कितना जरूरी है इसके महत्व को समझें।
भारतीय योग संस्थान के केंद्र प्रमुख राजेश शर्मा ने सभी के स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए कहा कि छठ पूजा सूर्य देवता की आराधना और आस्था का प्रतीक है, जो जीवन में ऊर्जा, सकारात्मकता और उन्नति का संचार करता है। उन्होंने इस पावन अवसर पर सभी से आग्रह किया कि वे पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझते हुए इस पर्व को पूरी श्रद्धा के साथ मनाएं।
इस अवसर पर भारतीय योग संस्थान के वरिष्ठ योग साधक रामनाथ धीमान, सुभाष बंसल, संयोजक एडवोकेट लाजपत भारांपुर, मनोज वालिया, अजीत त्यागी, राजेश वर्मा, पंडित रमाशंकर तथा शहर के गणमान्य व्यक्ति नरेन्द्र पराशर, वीरेन्द्र मोहन वालिया, एडवोकेट संजय अग्रवाल, नरेन्द्र शर्मा, धर्मपाल, संजय थामा तथा अरविन्द सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
बता दें कि पूरे देश मे छठ पर्व की धूम है, आमतौर पर इस पर्व को बिहार, झारखंड व यूपी तथा पूर्वाचंल का त्यौहार माना जाता है लेकिन आज यह त्यौहार श्रद्धालुओं द्वारा देश के कोने कोने में मनाया जाता है। शुक्रवार को उपमण्डल में यमकेश्वर तीर्थ हुसैनी का नजारा पूर्वाचंल के किसी नदी के घाट जैसा ही था जहां व्रतियों ने उगते सूरज को अध्र्य दिया। पूर्वांचल क्षेत्र जिसमें मूल रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल व अन्य स्थानों के रहने वाले परिवार जो नौकरी पेशे या कारोबार को लेकर अब यंहा रह रहे है, ने श्रद्धा व उत्साह पूर्वक इस महापर्व में भाग लिया। सुबह के समय वातावरण पूर्ण रूप से धार्मिक नजर आया।
यमकेश्वर तीर्थ के घाट पर पूजा करने आई व्रती महिलाओं ने बताया कि यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मनाया जाता है और इसलिए ही इसे छठ पर्व कहा जाता है। इस पर्व में सूर्य देव व छठी मैय्या की आराधना की जाती है, ये व्रत संतान की दीर्घायु और परिवार की खुशहाली के लिए रखा जाता है। व्रती 36 घण्टे तक निर्जला व्रत रख कर अस्त होते व उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते है। इन महिलाओं ने बताया कि इस वर्ष छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को स्नान यानि नहाय-खाय के साथ हुई इसके बाद बुधवार को व्रतियों ने खरना का प्रशाद ग्रहण किया और वीरवार को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया आज शुक्रवार को उगते सूरज को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना के पश्चात व्रत खोला। उल्लेखनीय है कि यमकेश्वर तीर्थ का ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व भी है।