झज्जर, 7 नवंबर। जिले में पराली प्रबंधन को लेकर किसानों में जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। पराली प्रबंधन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। यह सकारात्मक बदलाव सरकार और जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियानों का परिणाम है, जिससे किसानों को पराली जलाने के विकल्पों के प्रति संवेदनशील और जागरूक किया है। जिले में करीब 3508 किसान आवेदन कर चुके हैं जिसके तहत 25 हजार 859 एकड़ का रजिस्ट्रेशन हुआ है।
डीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से किसानों को पराली प्रबंधन करने के लिए जोर दिया जा रहा है। पराली का इन सीटू तथा एक्स सीटू प्रबंधन करने वाले किसानों को सरकार द्वारा प्रति एकड़ एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस स्कीम का लाभ लेने के लिए अब तक जिला के करीब 3 हजार 508 किसानों ने पंजीकरण भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसान पराली प्रबंधन को लेकर जागरूक हो रहे हैं जो बेहद सकारात्मक है। किसानों को अधिक से अधिक जागरूक करने के लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। डीसी ने कहा कि सभी अधिकारी फील्ड में रहकर कार्य करें। ग्राम स्तर की टीमें किसानों को जागरूक करें और उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के लाभ तथा पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताएं। वहीं खंड व ग्राम स्तरीय टीमें के नोडल अधिकारी पुलिस विभाग के साथ मिलकर नियमित रूप से मॉनिटरिंग करें। इस बार भी पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को अनुदान राशि दी जाएगी। किसान इस स्कीम का लाभ लेने के लिए पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। कृषि विभाग के डीडी जितेंद्र अहलावत ने बताया कि जिले में इस वर्ष करीब 25859 एकड़ जमीन पराली प्रबंधन को लेकर रजिस्ट्रेशन हुई है। 3508 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। बीते वर्ष तक जिले में करीब 900 किसानों ने करीब 9300 एकड़ का फसल अवशेष प्रबंधन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। उन्होंने कहा कि किसान लगातार जागरूक हो रहे हैं जो पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से बेहद अहम है।