बच्चों को 10 से 17 फरवरी तक किया जाएगा कृमि मुक्त: डीसी कैप्टन शक्ति सिंह

बच्चों को 10 से 17 फरवरी तक किया जाएगा कृमि मुक्त: डीसी कैप्टन शक्ति सिंह

वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ झज्जर 03 फरवरी। जिलाभर में आगामी 10 से 17 फरवरी तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत जिला के सभी स्कूलों,शिक्षण संस्थाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल दवाई नि:शुल्क रूप से खिलाई जाएगी। डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने यह जानकारी शुक्रवार को लघु सचिवालय सभागार में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दी।
        उन्होंने कहा कि जब पेट में कीड़े हो जाते हैं तो बच्चों में शारीरिक मानसिक विकार आता है और बच्चों पर इसका गहरा हानिकारक असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही विशेष अभियान है। सभी विभाग स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर इस अभियान को आगे बढ़ाएं। यह बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। डीसी ने कहा कि अनीमिया मुक्त हरियाणा के लिए कृमि मुक्ति कार्यक्रम अति आवश्यक है।
कार्यक्रम के अंतर्गत शत -प्रतिशत बच्चों को खिलाई जाए दवा
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्कूलों में दवा देते समय यह सुनिश्चित करें कि शत प्रतिशत बच्चों को कवर किया जाए। ईंट भटठों पर भी अभियान के तहत बच्चों को दवा दी जाए। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि किस आयु वर्ग के बच्चे को कितनी मात्रा में दवा खिलानी है। उन्होंने बताया कि यह दवा 1 वर्ष से 19 साल तक के लडक़े-लड़कियों और 20 से 24 साल तक की महिलाओं को डोज दिया जाएगा।
छोटे बच्चों को आधी गोली पीसकर और बड़े बच्चों को पूरी टेबलेट
      कार्यक्रम प्रभारी डा टीएस बागड़ी ने बैठक में डीसी कैप्टन शक्ति सिंह को जानकारी देते हुए बताया कि सभी स्कूलों में एल्बेंडाजोल की आपूर्ति कर दी जाएगी। यह गोली छोटे बच्चों को आधी पीसकर और बड़े बच्चों को पूरी गोली दी जाएगी। गोली खाली पेट नहीं लेनी है कुछ खाकर ही गोली लिया जाना सुनिश्चित किया जाए। गोली लेने के तुरंत बाद एक गिलास पानी पीना बहुत जरूरी है।
      उन्होंने कहा कि बच्चों के पेट में कीड़े होने से कई तरह की बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं। बच्चों को लाल चकत्ते त्वचा पर हो जाते हैं, इसके साथ-साथ उनकी आंखों पर भी फर्क पड़ता है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। बच्चों को बार-बार हाथ धोने और खुले में शौच न करने के प्रति भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जो बच्चे नाखून चबाते हैं वह अपनी आदतों में सुधार लाएं। क्योंकि इससे पेट में कीड़े होने की आशंका ज्यादा से ज्यादा रहती है। इसलिए बच्चे नाखून ना चबाएं। उन्होंने कहा कि अभिभावक भी अपने बच्चों को इसके प्रति जागरूक करें।
          कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा मनोज सैनी ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि 10 फरवरी से यह अभियान शुरू होगा। 17 फरवरी को ऐसे बच्चों को एलबैंडाजोल की दवाई दी जाएगी जो इस अभियान में रह जाएंगे और किसी कारणवश दवाई नहीं ले पाएंगे। उन्होंने बताया कि डोर टू डोर भी आशा वर्करों के माध्यम से इसका सर्वे किया जाएगा।
    उन्होंने बताया कि यदि कोई बच्चा पहले से ही बुखार या अन्य कोई दवाई ले रहा हो तो वह इस दवाई को ना ले। खासकर यदि किसी बच्चे को मिर्गी के दौरे आते हो तो वह भी इस दवाई को ना ले। बच्चों को दवाई देने के बाद यदि कोई समस्या आती है तो तुरंत संबंधित आशा वर्कर या आंगनवाड़ी वर्कर से संपर्क करें।
बैठक में इन अधिकारियों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर नगराधीश परवेश कादियान,डीडीपीओ ललिता वर्मा,डीपीओ शालु यादव,डिप्टी डीएओ रामनिवास शर्मा,डॉ परमानंद, मनोज भाटिया,डॉ निहारिका,डॉ गगन जैन,बीडीपीओ राजाराम,जिला अर्श काउंसलर संदीप जांगड़ा,डॉ ज्योति रानी,सीडीपीओ पूनम जैन,आयुष्मान भारत के जिला प्रबंधक विकास कुमार सहित स्वास्थ्य,पंचायत, महिला एवं बाल विकास,शिक्षा और खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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