कुपोषण और भूख की वैश्विक समस्या का समाधान मोटे अनाज से संभव : डॉ. उमेश शर्मा

कुपोषण और भूख की वैश्विक समस्या का समाधान मोटे अनाज से संभव : डॉ. उमेश शर्मा

वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ झज्जर, 23 फरवरी। महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र रईया झज्जर में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा की अतिरिक्त मुख्य सचिव और एमएचयू कुलपति डॉ. सुमिता सिंह के निर्देशानुसार अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के अंतर्गत मोटे अनाजों का महत्व पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर कृषि विज्ञान केंद्र झज्जर के सीनियर कोर्डिनेटर डॉ. उमेश शर्मा ने शिरकत की। जागरूकता कार्यक्रम में महिलाओं, किसानों व युवाओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। किसानों ने कहा कि रईया अनुसंधान केंद्र खुलने से बागवानी की खेती करने वालें किसानों का काफी लाभ मिल रहा है। इससे क्षेत्र में बागवानी को बढ़ावा मिला है और किसानों आय बढ़ रही है। शमशेर सिंह किसान ने कहा कि रईया अनुसंधान केंद्र  इस क्षेत्र में बागवानी की खेती करने वाले किसानों मददगार सबित हुआ है।  
मुख्यअतिथि ने पारंपरिक मोटे अनाजों के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि कुपोषण ओर भूख की वैश्विक समस्या का समाधान हो सकता है। किसानों को शपथ दिलाई कि वे मोटे अनाजों की खेती को अपनाएंगे ओर इसके महत्व के बारे में दूसरे किसानों को अवगत कराएगे। कृषि विज्ञान केंद्र के कीट विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि बढ़ती आबादी की जरुरतों को पूरा करने व अच्छे स्वास्थ्य के लिए मोटे अनाजों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए। मधुमेह, कैंसर, ह्दय रोग व बीपी गंभीर बीमारियों की रोकथाम के लिए मोटे अनाजों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
            केंद्र प्रभारी डॉ. सतपाल यादव ने अनुसंधान केंद्र में चल रही गतिविधियों के बारे में विस्तार से अवगत कराते हुए किसानों से आह्वान किया वे केंद्र का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाए। किसान केंद्र के साथ जुड़े। फल विशेषज्ञ डॉ. शहरून खान ने बागवानी विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. अशोक सिवाच ने किसानों को हाईटैक व पॉली हाउस के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में आए किसानों को केंद्र में उन्नत किस्म की तैयार तरबूज व पैठे की पौध वितरित की।

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