वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ झज्जर, 24 फरवरी। सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप सिंह ने प्रैसवार्ता मेंं बताया कि झज्जर व आसपास के जिलों में अवैध लिंग परीक्षण की बार-बार सूचनाएं मिल रही थी। उक्त
सूचनाओं के संज्ञान में डिप्टी सिविल सर्जन डॉ ममता वर्मा, एमओ पीएचसी माजरा डी, डॉ हर्षदीप व एएमओ पालीक्लिनिक सेक्टर-6 झज्जर डॉ रवि गोदारा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई।
सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप सिंह ने बताया कि गुप्त सूचक द्वारा मोबाईल से 60000 रूपए में डील हुई और गर्भवती डिकॉय को उसकी लिखित सहमति से डिकॉय ऑपरेशन में हिस्सा लेने के लिए तैयार किया गया। 23 फरवरी सुबह 11 बजे डिकॉय को बस स्टैंड रेवाड़ी में बुलाया गया। डीएए के खाते से 60000 रूपए सूचीबद्ध मुद्रा के साथ एक छाया गवाह के साथ डिकॉय भेजा गया था और उचित हस्ताक्षर के साथ सूची बनाई गई थी।
टीम डिकॉय के साथ बस स्टैंड रेवाड़ी पहुंची और टाउट वेद प्रकाश द्वारा डिकॉय को मीनाक्षी देवी अस्पताल रेवाड़ी पहुंचने के लिए कहा। मीनाक्षी अस्पताल रेवाड़ी में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत पवन ने 60000 रूपए लिए और मीनाक्षी देवी अस्पताल रेवाड़ी में डॉ सिम्पी यादव द्वारा यूएसजी के लिए रेफरल पर्ची प्रदान की। वह डिकॉय को रतन अल्ट्रासाउंड रेवाड़ी ले गया और लेवल 2 यूएसजी के लिए 2700 रुपए दिए। वेद प्रकाश टाउट यहां आया और उसने डिकॉय का यूएसजी भी कराया।
डॉ अचल गुप्ता ने डिकॉय की यूएसजी की और रिपोर्ट डिकॉय को सौंप दी गई। पवन और वेद प्रकाश उसे वापस मीनाक्षी अस्पताल ले गए जहां पवन ने सेक्स को पुरुष घोषित किया। डिकॉय ने टीम को इशारा किया, टीम ने स्थानीय टीम और पुलिस के साथ मिलकर उन्हें दबोच लिया। पवन एजेंट के पास से 54000 और वेद प्रकाश के पास से 3000 सूचीबद्ध नोट बरामद किए गए। दोनों टीमों ने आवश्यक दस्तावेजीकरण किया और रेवाड़ी टीम ने एसएचओ सिटी रेवाड़ी को प्राथमिकी दर्ज करने और उक्त मामले में डॉक्टरों की भूमिका को खारिज करने का अनुरोध किया। झज्जर टीम ने पिछले छह महीनों में 17 छापेमारी की है और लिंगानुपात मेंं सुधार आया है।