राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान का मॉप अप राउंड आज : डीसी कैप्टन शक्ति सिंह

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान का मॉप अप राउंड आज : डीसी कैप्टन शक्ति सिंह

वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ झज्जर, 16 फरवरी। आजादी अमृत महोत्सव के चलते जिलाभर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 17 फरवरी शुक्रवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत मॉप अप राउंड चलाया जाएगा जिसके तहत जिला के शिक्षण संस्थाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों में शेष बचे बच्चों व महिलाओं के पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल दवाई निशुल्क रूप से खिलाई जाएगी।
डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने यह जानकारी गुरुवार को अभियान की समीक्षा करते हुए दी। उन्होंने कहा कि जब पेट में कीड़े हो जाते हैं तो बच्चों में शारीरिक व मानसिक विकार आता है और बच्चों पर इसका गहरा हानिकारक असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही विशेष अभियान है जिसके तहत जिलाभर में 10 फरवरी से निरन्तर  यह मुहिम चलाई गई है और अब 17 फरवरी को मॉप अप राउंड के तहत सभी निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों व महिलाओं को कवर किया जाएगा। उन्होंने सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर इस अभियान को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि एनीमिया मुक्त हरियाणा के लिए कृमि मुक्ति कार्यक्रम अति आवश्यक है।
कार्यक्रम के अंतर्गत शत-प्रतिशत बच्चों को खिलाई जाए दवा
कैप्टन शक्ति सिंह ने शिक्षा,खादय आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्कूलों में दवा देते समय यह सुनिश्चित करें कि शत प्रतिशत बच्चों को कवर किया जाए। ईंट भट्टों पर भी अभियान के तहत बच्चों को दवा दी जाए। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि किस आयु वर्ग के बच्चे को कितनी मात्रा में दवा खिलानी है। उन्होंने बताया कि यह दवा 1 वर्ष से 19 साल तक के लडक़े-लड़कियों और 20 से 24 साल तक की महिलाओं को दी जाएगी।
छोटे बच्चों को आधी गोली पीसकर और बड़े बच्चों को पूरी टेबलेट
    डीसी ने कहा कि बच्चों के पेट में कीड़े होने से कई तरह की बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं। बच्चों को लाल चकत्ते त्वचा पर हो जाते हैं, इसके साथ-साथ उनकी आंखों पर भी फर्क पड़ता है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।  उन्होंने कहा कि जो बच्चे नाखून चबाते हैं वह अपनी आदतों में सुधार लाएं। क्योंकि इससे पेट में कीड़े होने की आशंका ज्यादा से ज्यादा रहती है। इसलिए बच्चे नाखून न चबाएं। उन्होंने कहा कि अभिभावक भी अपने बच्चों को इसके प्रति जागरूक करें। बच्चों को बार-बार हाथ धोने और खुले में शौच न करने के प्रति भी जागरूक किया जाए।

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