लाईन पार स्थित सूर्य कवि पंडित लख्मीचन्द धर्मशालासमिति द्वारा करवाए जा रहे हरियाणवी सांग

लाईन पार स्थित सूर्य कवि पंडित लख्मीचन्द धर्मशालासमिति द्वारा करवाए जा रहे हरियाणवी सांग

वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़:
बहादुरगढ़ ।
लाईन पार स्थित सूर्य कवि पंडित लख्मीचन्द धर्मशाला समिति द्वारा करवाए जा रहे हरियाणवी सांग के दूसरे दिन मंगलवार को प्रसिद्ध सांगी पंडित विष्णुदत्त ने लोगों के उत्साह को देखते हुए सेठ ताराचंद के दूसरे भाग का मंचन किया । सांग में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक राजेश जून उपस्थित रहे। विधायक राजेश जून ने कहा कि पंडित लख्मीचन्द ने ऐसी रचनाएं की जो आज के युग में सार्थक सिद्ध हो रही हैं। विधायक राजेश जून ने धर्मशाला समिति को एक लाख एक हजार रुपयेका सहयोग दिया।हरियाणवीं संस्कृति को जीवित रखने में पंडित लख्मीचन्द के योगदान को भूलाया नहीं जा सकता । पंडित विष्णुदत ने सांग के माध्यम से बताया कि सेठ ताराचंद का बेटा चन्द्रगुप्त अपनी पत्नी धर्म मालकी के साथ जहाज में हापुड़ के लिए चल पड़ते हैं। चन्द्रगुप्त अपनी पत्नी को छोड़कर हापुड़ आ जाता है . और मंशा सेठ को व्यापार का हिसाब देता है।धर्म मालकी एक साधू के भेष मे दिल्ली आ जाती है और एक दिन जंगल मे साधु के भेष मे तप करने लगती है। यहाँ एक दिन चन्द्रगुप्त का पिता सेठ ताराचंद भी साधु से मिलने आता है। वह सेठ ताराचन्द को कहती है कि सुबह इस धूणे से कुछ ले जाना । जब ताराचन्द धूणे की राख टटोलता है तो उसमें एक सोने का कंगन मिलता है। उस कंगण को बेचकर सेठ अपने बेटे को गिरवी से मुक्त कराकर घर लाते हैं। जब घर में उसने साधु के वेश मे अपनी पत्नी धर्ममालकी को देखा तो काफी प्रश्न होता है ।इस अवसर पर पूर्व पार्षद युवराज छिल्लर, बलराज दलाल, जयविरेन्द्र सहरावत, धर्मशाला समिति के सरक्षंक पाले राम शर्मा, प्रधान प्रवीण शर्मा, महासचिव सतीश शर्मा, उपप्रधान बलराम गौतम, सचिव हरिओम हरितश, कोषाध्यक्ष रमेश शर्मा, पंडित मामनराम, मन्जीत पाराशर रमेश कौशिक, रमेश दीक्षित, विनोद शर्मा,, सतीश आसौदा, पंडित जियालाल शास्त्री, पंडित दीपचन्द सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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