मरीज के प्रति रखें मानवता का भाव – कुलपति डॉ अनीता सक्सेना

मरीज के प्रति रखें मानवता का भाव – कुलपति डॉ अनीता सक्सेना

वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ रोहतक, पंडित भगवत् दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में नए इंटर्नस के स्वागत के लिए बुधवार को लेक्चर थियेटर 5 में एक शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित कुलपति डॉ अनीता सक्सेना ने किया। मंच का संचालन डीन डॉ कुलदीप सिंह लालर ने किया कुलपति डॉ अनीता सक्सेना ने सभी छात्रों को हिपोक्रेटिक शपथ दिलवाकर हमेशा अपने कर्तव्य का पालन करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में हमेशा सीखते रहना चाहिए तभी हम अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाते हैं। डॉ अनीता सक्सेना ने कहा कि एक अच्छा चिकित्सक वही होता है जिसका व्यवहार अच्छा होता है, हमेशा अच्छी वेशभूषा में रहता हो, सकारात्मक सोच रखता हो, मरीजों के प्रति मानवता का भाव रखता हो, इमानदारी से अपना कार्य करता हो। जिसके अंदर यह गुण होते हैं वह जीवन में बहुत अच्छे चिकित्सक के साथ बहुत अच्छा इंसान भी कहलाता है। उन्होंने कहा कि हमें हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए कुलसचिव डॉ एच.के अग्रवाल ने कहा कि सभी इंटर्न के लिए आज का दिन एक त्योहार के जैसा है। उन्होंने कहा कि हमें अपने कार्य को ही पूजा समझना चाहिए।

निदेशक डॉ एसएस लोहचब ने कहा कि आप एक बहुत ही अच्छे प्रोफेशनल कोर्स में आए हैं इसलिए अपने सपनों को सदैव जगा कर रखे हैं और अपने संस्थान का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि हमेशा अपने व्यवहार से दर्शाए कि आप एक चिकित्सक हैं। डॉ लोहचब ने कहा कि हमें सदैव स्टेथोस्कोप को अपने पास रखना चाहिए। डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ अशोक चौहान ने बताया कि हमें यह हिप्पोक्रेटिक ओथ क्यों दिलवाई जाती है डीन डॉ. कुलदीप लालर ने कहा कि हिपोक्रैटिक ओथ लेकर उसे भुलना नही चाहिए और सदैव उसे अपने मन में रखकर मरीज का इलाज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर शुभकार्य की शुरूआत अग्नि को साक्षी मानकर की जाती है और आज छात्र अपने जीवन का एक नया सफर शुरू कर रहे हैं। डॉ. कुलदीप लालर ने कहा कि हमें अपने व्यवसाय में हमेशा एथिक्स का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मरीज का आप्रेशन या अन्य जांच करने से पहले उसके परिजनों की सहमति अवश्य ले लेनी चाहिए डॉ. लालर ने कहा कि हमें मरीज की कम से कम केवल जरूरतमंद जांचें ही लिखनी चाहिएं ताकि मरीज पर अतिरिक्त भार ना आए परीक्षा नियंत्रक डॉ राकेश धनखड़ ने कहा कि यात्रा लंबी है और हमें थकना नहीं है।उन्होंने कहा कि हमें अपना कार्य हमेशा पूरी मेहनत और लगन के साथ करना चाहिए डीन छात्र कल्याण डॉ गजेंद्र सिंह ने कहा कि मरीज का इलाज करते हुए उसमे स्वयं या अपने परिजन को महसूस करके करेंगे तो गलती होने की संभावना खत्म हो जाती है। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ राकेश धनखड़,जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज डॉ. वरूण अरोड़ा,पीए आशा, विजय शर्मा, अजय,रोहित, कृष्ण सहित सैकड़ों इंटर्न उपस्थित थे।

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