नौकरी हम सबके जीवन का जरूरी आधार है। यह न केवल हमें जीवन यापन के लिए धन उपलब्ध करवाती है, बल्कि आत्म सम्मान में भी इजाफा करती है। पर अगर आप ऐसी नौकरी में हैं, जहां आपको घंटों बैठना पड़ता है, तो उसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरुक होना जरूरी है।
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार 8,000 लोगों पर किए गए एक शोध में पाया गया है कि दिनभर में महज 30 मिनट लाइट इंटेसिटी एक्सरसाइज या बॉडी एक्टिविटी मृत्यु के जोखिम को कम करने में मददगार साबित होती है। दिनभर में स्मॉल इंटरवेल्स और कुछ मिनटों की आवाजाही स्वास्थ्य को लाभ प्रदान करती है।
देर तक बैठकर काम करना गलत हैं क्या। जी हां अगर आप घण्टों तक बिना उठे। एक जगह बैठकर काम कर रहे हैं, तो ये शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन प्रॉपर नहीं हो पाता, जो हार्ट से लेकर ब्रेन तक शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाने लगता है, ब्लड शुगर का बढ़ना, कमर के नज़दीक फैट्स जमा होना और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बढ़ोतरी होने लगती हे। जो मेटाबॉलिक सिंड्रोम का कारण बनने लगते हैं। दरअसल, लंबे वक्त तक अगर आप बैठते हैं, तो इससे हृदय रोग और कैंसर से मृत्यु का खतरा भी बढ़ने लगता है।
रिसर्च के अनुसार अगर आप लगातार 8 घण्टे तक बिना उठे काम कर रह हैं। तो आपके शरीर में भी मौत का जोखिम उतना ही बढ़ जाता है, जितना धूम्रपान और मोटापे के कारण होता है। फिज़िकल एक्टिविटी हमारे शरीर को कई प्रकार से प्रभावित करती है। चलिए जानते हैं, देर तक बैठने से किन समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है
स्वास्थ्य जोखिम
- हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ना
वे लोग जो दिनभर स्क्रीन के सामने बैठकर बिना ब्रेक लिए काम में मसरूफ रहते हैं। उनमें हाईपरटेंशन का खतरा बढ़ने लगता है। लगातार बिना ब्रेक के काम करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ने लगता है। इसके अलावा डायबिटीज़ और हृदय संबधी रोगों की संभावना बढ़ने लगती है। - स्पाइन पेन प्रोब्लम
लंबे वक्त तक बैठने से शरीर में पोश्चर में भी बदलाव आने लगता है। उसके चलते पीठ से लेकर हिप्स तक सभी जगह की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। जो दर्द की संभावना को बढ़ देता है। इससे चलने फिरने उठने बैठने कमें भी दिक्कत आने लगती है। ऐसे में निरंतर वर्कआउट आवश्यक है। - वज़न का लगातार बढ़ना
तकरीबन 8 से 9 घण्टे की सिटिंग से शरीर का वज़न बढ़ने लगता है। कमर के पास फैट्स जमा होने लगते हैं। इससे पेट की चर्बी बढ़ने लगती हैं। वज़न बढ़ने से टांगों में दर्द की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही मेटॉबॉलिज्म प्रभावित होता है। - मेंटल हेल्थ संबंधी समस्याएं
काम के दौरान ब्रेक लेना आपके तन और मन दोनों के लिए ही फायदेमंद साबित होता है। वे लोग जो देर तक बैठकर काम करते हैं। उनमें चीजों को भूलना और फोक्स न कर पाना जैसी समस्याएं बढ़ने लगती है। इसके अलावा तनाव और एंग्जाइटी का जोखिम भी रहता है। जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होता है। कुछ देर मेडिटेशन के लिए निकालें और स्मॉल इंटरवेल्स भी लें। इससे आप खुद को एक्टिव महसूस करने लगते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- अपनी कुर्सी से हर 30 मिनट बाद उठें
इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट बताते हैं कि लगातार एक ही जगह पर बैठने से गर्दन से लेकर पीठ तक शरीर का पोस्चर प्रभावित होता है। जो पीठ दर्द और फिर टांगों में होने वाली ऐंठन का कारण बनने लगता है। इसके अलावा लॉंग सिटिंग से पैरों में सूजन भी बढ़ने लगती है। ऐसे में हर 30 मिनट से उठना शरीर को क्लॉटिंग की समस्या से बचाता है और शारीरिक अंगों में होने वाले दर्द की समस्या भी हल होने लगती है। - पैदल चलें
हर पल गाड़ी या स्कूटी का प्रयोग करने की बजाय पैरों की एक्सरसाइज़ के मद्देनज़र छोटी दूरियों को चलकर तय करने की आदत डालें। इससे पैरों की सूजन न केवल दूर होगी बल्कि टांगों में होने वाली ऐंठन से राहत मिलने लगती है। इसके अलावा दिनभर में दो बार वॉक करने से शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को दूर किया जा सकता है। - वर्कआउट से करें दिन की शुरुआत
सुबह कुछ देर का वर्कआउट करने से आप दिनभर फ्रेश फील करते हैं। इसमें लो इंटेसिटी एक्सरसाइज़ से लेकर हाई इंटेसिटी एक्सरसाइज़ को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ देर की मेडिटेशन आपको मानसिक तौर पर रिलैक्स रखती है। एक्सरसाइज़ के साथ साथ कुछ योगासनों का अभ्यास मन और तन दोनों को स्वस्थ रखने का आसान उपाय है। - कम कैलोरी वाले फूड्स लें
खाने के लिए फ्राइड फूड्स की जगह ताजे़ फल और सब्जियों को अपनी मील में शामिल करें। इसके अलावा लो कार्ब्स और हाई प्रोटीन डाइट का सेवन करें। इससे शरीर में फैट जमा नहीं होगा और आप दिनभर तरोताज़ा महसूस करेंगे।