वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ रोहतक, कुएं, जोहड़ और तालाब जो पेयजल का स्त्रोत होते थे, अब लगभग समाप्ति की कगार पर हैं। इसलिए हमें पेयजलदायिनी नहरों, नदियों के जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए आगे आना होगा। यह कहना है ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर सिंह का। वे शनिवार को सात दिवशीय NSS कैंप के दूसरे दिन सत् जिन्दा कल्याणा कॉलेज कलानौर रोहतक में विद्यार्थियों को नहरों में बढ़ते जल प्रदूषण के बारे में जागरूक कर रहे थे। डॉ जसमेर सिंह, मुकेश नैनकवाल, अजय हुड्डा और मिशन की नुक्कड़ नाटक टीम के सदस्यों का एन एन एस कैंप कॉर्डिनेटर डॉ सुमन नैन और कार्यक्रम अधिकारी डॉ हरीश चन्द्र ने स्वागत किया डॉ. जसमेर सिंह ने कहा कि दिन प्रतिदिन पेयजल की समस्या गम्भीर होती जा रही है। पेयजल के स्त्रोत जोहड़, तालाब और कुएं सब समाप्ति की और हैं तथा जमीनी पानी भी पीने योग्य कम ही बचा है। अब केवल पेयजल का एकमात्र स्त्रोत नहरें बची हुई हैं। लेकिन अंधविश्वास के नाम पर नहरों में प्लास्टिक व अन्य अपशिष्ट सामान डालकर इसको दूषित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यही हाल रहा तो आने वाले समय मे पीने के लिए पानी नही मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक से प्रदेश के हर जिले के गांवों से कुएं, जोहड़ व तालाब अब लगभग समाप्त हो चुके हैं डॉ. जसमेर सिंह ने कहा कि हम अंधविश्वास या कई अन्य कारणों से नहरों के जल को प्रदूषित कर रहे हैं जिसे किसी भी प्रकार से ठीक नहीं माना जा सकता जल प्रदूषण के कारण विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियां बढ़ती जा रही है। अत: लोगों को समय रहते पानी की स्वच्छता और निर्मलता के लिए आगे आना होगा। नहीं तो पानी से गंभीर बीमारियां आने से कोई नहीं रोक सकता साइकिलिस्ट मुकेश नैनकवाल ने विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने और उनकी रक्षा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति की रक्षा करना हम सब का नैतिक कर्तव्य है। बढ़ते वायु प्रदूषण से हमें पेड़ पौधे ही राहत दिलवा सकते हैं इसलिए हमें ज्यादा ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। उन्होंने जल जनित बीमारियों से बचाव के बारें भी विद्यार्थियों को जागरू किया और साथ ही मलेरिया,डेंगू और चिकनगुनिया के प्रति आ रहे सीजन को ध्यान मे रखकर पानी एक जगह ना रुकने, सप्ताह में एक दिन ड्राई डे अवश्य मनाने की जानकारी दी और सरकार द्वारा जो वी बी डी के लिए सेवाएं दी जा रही हैं उसकी भी जानकारी उपलब्ध कराई रक्तवीर अजय हुड्डा ने रक्तदान के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि 18 वर्ष की उम्र से ज्यादा युवा साल में चार बार रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान से जीवनदान मिलता है और इस से बड़ा कोई दान नहीं। इस दौरान विद्यार्थियों से आह्वान किया गया कि वे अपने परिजनों को भी पेयजल का महत्व बताएं साथ ही विद्यार्थियों को शपथ दिलवाई गई कि हम किसी भी प्रकार से नहरों, नदियों के पानी को किसी प्रकार से प्रदूषित नहीं करेंगे और पानी को बचाने के लिए भी हर संभव प्रयास करेंगे प्रत्येक दिनों की भाँति सांय कालीन के समय जब नहरों पर लोगों को जागरूक करने पहुँचे तो वहा का दृश्य देख कर रुका नही गया उसका का हाल बना रखा है वो वीडियो के माध्यम से आम जन तक पहुँचाने की सोची सांयकालीन स्तर मे श्री विश्कर्मा स्किल यूनिवर्सिटी से डॉ आँचल ने डिजिटल इंडिया विषय पर विस्तृत जानकारी दी इस अवसर पर कॉलेज स्टाफ़ जाट कॉलेज की नुक्कड़ टीम के साथ साथ कॉलेज के विधार्थी भी मौजूद रहे l