सड़क दुर्घटनाओ से बचाव और सावधानिया

सड़क दुर्घटनाओ से बचाव और सावधानिया

सड़क दुर्घटनाओ से बचाव और सावधानिया
सड़क दुर्घटनाओ से बचाव और सावधानिया
डिप्टी कमांडेंट ओम प्रकाश नारंग (सेवानिवृत्त)

आजकल नौजवानो और युवाओं में अत्यधिक स्पीड से गाड़ी चलाना एक फैशन सा बन गया है तो कुछ लोगो को तेज गति से वाहन चलाना एक जूनून सा बन गया है। कुछ लोग सोचते हैं कि केवल बूढ़े और नए सीखने वाले ही गाड़ी धीरे-धीरे चलाते हैं।

यदि आप ओवरस्पीड गाड़ी चला रहे हैं और अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कुछ मिनट बचा रहे हैं लेकिन यदि आप अपनी गलती या किसी और की गलती के कारण सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं तब आपको अस्पताल में बहुत समय बिताना पड़ सकता है। किसी मामले में दिन, महीने या साल भर। यहां तक ​​कि पूरी तरह से ठीक होने में भी सालों लग सकते हैं, फिर भी आपके शरीर में कुछ शारीरिक सीमाएं और प्रतिबंध बनी रहेंगी।

इसके अलावा आपको अपने इलाज पर भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ सकती है। लंबी बीमारी या उपचार के कारण आप अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं हो सकते हैं या अपने व्यवसाय की देखभाल करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, जिसके कारण आपका नियमित वेतन या आय भी बंद हो जाएगी।

ऐसे में आपके प्यारे बच्चों की पढ़ाई पर क्या असर पड़ेगा? जरा सोचिए। आपके जीवन साथी को आपके नियमित उपचार के साथ-साथ आपकी देखभाल भी करनी पड़ सकती है, सुचारू उपचार सुनिश्चित करने के लिए उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ सकती है (अगर आपका पार्टनर भी वर्किंग है)। नियमित चिकित्सा उपचार को पूरा करने के लिए भारी खर्च के लिए आभूषण, वस्तुओं, घर, फ्लैट या अन्य संपत्तियों को बेचना पड़ सकता है। यदि आप सड़क दुर्घटना या किसी व्यक्ति की मृत्यु के कारण कानूनी अदालती मामले में फंस गए हैं, तो आपको चिकित्सा व्यय के अतिरिक्त कानूनी लड़ाई की लंबी प्रक्रिया के लिए कभी समाप्त न होना वाला आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इसलिए स्वयं की गलती या दूसरों की गलती से होने वाली किसी भी सड़क दुर्घटना से बचने के लिए हमेशा सतर्क और सावधान रहें। इसलिए यातायात नियमों को गंभीरता से जानें और उनका ईमानदारी से पालन करें।

दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना का सामना करने के बाद अस्पताल के बिस्तर पर लंबे समय तक इलाज के लिए लेटने की तुलना में धीमी गति से और सावधानी से वाहन चलाना कहीं बेहतर है

इसलिए सड़क यातायात नियमों का पालन ईमानदारी से करना चाहिए :-

  1. चार पहिया वाहन चलाते समय अपनी सीट बेल्ट ठीक से बांधें। अन्य सह-यात्रियों को भी सीट बेल्ट लगाने के लिए प्रोत्साहित करें। हाईवे पर ड्राइव के समय पिछली सीट पर बैठने वालों को भी सीट बेल्ट लगाने के लिए आवश्यक कहे।
  2. ट्रैफिक लाइट का पालन करें, जेब्रा क्रासिंग पर पीली बत्ती पर रुकें। आगे बढ़ने के लिए हरी बत्ती का इंतजार करें, पीली बत्ती पर कभी भी आगे न बढ़ें। अगर सभी लोग इसका ठीक से पालन करें तो भारी जाम से बचा जा सकता है।
  3. बायें या दायें मुड़ते समय संकेतक लाइट्स (indicator lights) का उपयोग अवश्य करें।
  4. बाएँ या दाएँ मुड़ने से पहले, पीछे से आने वाले वाहन को बैक व्यू मिरर के माध्यम से जाँचना अनिवार्य है।
  5. बाईं या दाईं ओर मुड़ने से पहले हॉर्न दें।
  6. वाहन का साइड दरवाजा थोडा खोलकर देखे कि पीछे से कोई वाहन आपकी तरफ नहीं आ रहा है, फिर पूरा दरवाजा खोलो। यह अभ्यास कई हादसों को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
  7. रात में डिपर का प्रयोग अवशय करें.
  8. रात में हाई बीम हेड लाइट का प्रयोग करने से बचे।
  9. यदि आपके पास लर्नर लाइसेंस है तो फ्रंट और बैक विंड स्क्रीन पर लाल रंग का एल मार्क अवशय लगाएं।
  10. वाहन को हमेशा पार्किंग में ही खड़ी करे. बाजार या सड़क पर वाहन खड़े करते समय सुनिष्चित करे के दूसरे वाहनों को कोई आसुविधा न हो। भीड़-भाड़ वाली जगह पर पार्क करने पर पार्किंग लाइट का इस्तेमाल करें।
  11. अगर आपका वाहन सड़क के बीच में किसी खराबी के कारण फंस गया है, तो गाड़ी को खड़ा करके पार्किंग लाइट का उपयोग करें और वाहन के आगे और पीछे ट्रैफ़िक त्रिकोण लगाएं।
  12. अपने वाहन की गति तय गति सीमा से थोड़ा कम ही रखे, हो सकता है कि आपका स्पीडोमीटर स्पीड कम बता रहा हो और पुलिस का स्पीड लेज़र सेंसर ज्यादा स्पीड बतायें।
  13. अज्ञात और अंधेरा रास्ते पर वाहन की गति थोड़ी कम रखना ही बेहतर है क्योंकि आप अचानक मोड़ या गड्ढों से अनजान हैं।
  14. अस्थायी रूप से रुकते समय ढलान वाली सड़क पर हैंडब्रेक का प्रयोग करें .
  15. चौपहिया वाहन चलाते समय सेलफोन के इस्तेमाल से बचें। सड़क हादसों में वृद्धि का यह प्रमुख कारण है। फ़ोन कॉल करते या स्वीकार करते समय ब्लूटूथ का उपयोग करें।
  16. दुपहिया वाहन चलाते समय उचित और उत्तम गुणवत्ता वाले हेलमेट का प्रयोग करें और पट्टियों को कस लें।
  17. दुपहिया वाहन चलाते समय कभी भी मोबाइल फोन का प्रयोग न करें। अगर कोई अर्जेंट कॉल है तो अपने दोपहिया वाहन को सड़क के सुरक्षित किनारे पर रोकें, फिर फोन का इस्तेमाल करें। दुपहिया वाहनों के हादसों का यह सबसे बड़ा कारण है।
  18. दुपहिया वाहनों के मॉडिफाइड साइलेंसर से अत्यधिक ध्वनि के उपयोग से बचें क्योंकि यह सड़क पर अन्य व्यक्तियों का ध्यान भटकाता है और सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनता है।
  19. नशे की हालत में वाहन चलाने से बचें। यह सड़क हादसों की बड़ी वजह है ! हाईवे के किनारे शराब की दुकान लगाने की इजाजत सरकार को नहीं देनी चाहिए।
  20. बस डिपो से बस से बाहर निकलने से पहले बस चालक की मेडिकल जांच होनी चाहिए क्योंकि वह 40-60 यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है।
  21. बाजार, भीड़-भाड़ वाली सड़कों या चौराहों पर पैदल यात्रा करते समय सेलफोन के उपयोग से बचें, क्योंकि आप आने वाले वाहनों से अनजान हैं क्योंकि आप अपनी कॉल में व्यस्त हैं। दर्दनाक सड़क हादसे का यह भी एक बड़ा कारण है।
  22. किसी भी तरह की खराबी से बचने के लिए वाहन का समय-समय पर नियमित रखरखाव सुनिश्चित करें। आवश्यक टायर दबाव सुनिश्चित करें, अधिक हवा न भरें, जो राजमार्गों पर टायर फटने का एक कारण भी है।
  23. अपने बच्चों को मुख्य सड़क, बाजार या आवासीय परिसर, या कॉलोनी की सड़कों पर सुरक्षित रूप से साइकिल चलाने के लिए कहें। उन्हें पार्किंग क्षेत्र या लिफ्ट लॉबी क्षेत्र में ड्राइव करने के लिए रोकें।
  24. तेज गति से साइकिल चलाने के लिए बच्चों को रोकें क्योंकि आने वाले वाहन ब्रेक लगा सकते हैं लेकिन बच्चे समय पर ब्रेक नहीं लगा पाएंगे और साइड रोड या वाहन से टकराकर घायल हो जाएंगे।
  25. सड़क यातायात सिग्नल और नियमों के बारे में खुद को शिक्षित करें और उनका ईमानदारी से पालन करें।
  26. अपने बच्चों को सड़क यातायात नियमों के प्रति शिक्षित करें और ईमानदारी से पालन करने की आदत डालें ताकि वे बड़े होकर जिम्मेदार नागरिक बनें।
  27. सड़क दुर्घटना में अपने या अन्य वाहनों से घायल व्यक्तियों की मदद करने का प्रयास करें, आपका थोड़ा सा समय किसी की कीमती जान या परिवार के किसी रोटी कमाने वाले की जान बचा सकता है।
  28. सड़क दुर्घटना की स्थिति में हमेशा पहले पुलिस और एंबुलेंस या नजदीकी चिकित्सा केंद्र को सूचित करें। उसके बाद फोटो या वीडियो लें और पीड़ितों की पहचान के लिए सोशल मीडिया में प्रसारित करें।
  29. हमेशा सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने की कोशिश करें और पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों की मदद करें।
  30. हमेशा आरसी, बीमा, पीयूसी, ड्राइविंग लाइसेंस या परिवहन परमिट (यदि सार्वजनिक वाहन चला रहे हों) साथ रखें। इन दस्तावेजों का डिजिटल रूप परिवहन अधिकारियों द्वारा स्वीकार किया जाता है।
  31. यातायात नियमों का उल्लंघन के मामले में चालान जारी करने के लिए यातायात अधिकारियों के साथ यथासंभव सहयोग करें।
  32. यातायात का कोई भी अपराध होने के बाद कभी भी गाड़ी भगाए नहीं, याद रखें आप देर-सबेर पकड़े जाएंगे। आप असीमित सीसीटीवी की जांच के दायरे में हैं।

इसलिए हमेशा याद रखना, चोटों के साथ घर जल्दी पहुंचने की तुलना में सुरक्षित और स्वस्थ स्थिति में थोड़ा देर से घर पहुंचना कहीं बेहतर है। आपके परिवार के सदस्य हमेशा आपके सुरक्षित घर लौटने की प्रार्थना करते हैं, इसलिए तेज गति से वाहन चलाने से पहले उनके लिए भी तनिक सोचें।

पुलिस विभाग से मेरा विशेष अनुरोध है कि कृपया यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को अवश्य रोकें, सख्ती से चालान करें साथ ही सड़क दुर्घटना के कारण विकलांग व्यक्तियों के फोटो, वीडियो या क्लिप दिखाएं, उन्हें रोककर 15-20 मिनट फिल्म दिखाने से सड़क यातायात नियम तोड़ने वालों के दिमाग पर ज्यादा असर पडेगा, जबकी चालान को जल्दी भुल जाएगा या किसी की सिफ़ारिश से चालान से बच भी जाएगा। इस अभ्यास को तमिलनाडु पुलिस ने चेन्नई में अपनाया और इसके बहुत सकारात्मक परिणाम भी सामने आए है।

प्रशासन से भी अनुरोध है कि टूट-फूट के कारण सड़क पर गड्ढों की समय पर मरम्मत की जाए ताकि दोपहिया वाहनों द्वारा होने वाली अवांछित सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके, विशेष रूप से रात और बरसात के मौसम में।

जय हिंद, वंदे मातरम

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