वॉइस ऑफ़ बहादुरगढ़ न्यूज़ झज्जर 13 फरवरी। डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि जिलाभर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आगामी 17 फरवरी तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है,जिसके तहत जिला के सभी स्कूलों,शिक्षण संस्थाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल दवाई नि:शुल्क रूप से खिलाई जा रही है। यह दवा शत प्रतिशत बच्चों को खिलाई जाए।
डीसी ने कहा कि जब पेट में कीड़े हो जाते हैं तो बच्चों में शारीरिक मानसिक विकार आता है और बच्चों पर इसका गहरा हानिकारक असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही विशेष अभियान है। सभी विभाग स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर इस अभियान को आगे बढ़ाएं। यह बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। डीसी ने कहा कि अनीमिया मुक्त हरियाणा के लिए कृमि मुक्ति कार्यक्रम अति आवश्यक है।
कार्यक्रम के अंतर्गत शत -प्रतिशत बच्चों को खिलाई जाए दवा
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्कूलों में दवा देते समय यह सुनिश्चित करें कि शत प्रतिशत बच्चों को कवर किया जाए। ईंट भटठों पर भी अभियान के तहत बच्चों को दवा दी जाए। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि किस आयु वर्ग के बच्चे को कितनी मात्रा में दवा खिलानी है। उन्होंने बताया कि यह दवा 1 वर्ष से 19 साल तक के लडक़े-लड़कियों और 20 से 24 साल तक की महिलाओं को डोज दिया जाएगा।
छोटे बच्चों को आधी गोली पीसकर और बड़े बच्चों को पूरी टेबलेट
डीसी ने कहा कि बच्चों के पेट में कीड़े होने से कई तरह की बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं। बच्चों को लाल चकत्ते त्वचा पर हो जाते हैं, इसके साथ-साथ उनकी आंखों पर भी फर्क पड़ता है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। बच्चों को बार-बार हाथ धोने और खुले में शौच न करने के प्रति भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जो बच्चे नाखून चबाते हैं वह अपनी आदतों में सुधार लाएं। क्योंकि इससे पेट में कीड़े होने की आशंका ज्यादा से ज्यादा रहती है। इसलिए बच्चे नाखून ना चबाएं। उन्होंने कहा कि अभिभावक भी अपने बच्चों को इसके प्रति जागरूक करें।
दूसरी ओर कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा मनोज सैनी ने बताया कि यह अभियान जिला भर में आगामी 17 फरवरी चलाया जा रहा है,जिसमें बच्चों को एलबैंडाजोल की दवाई दी जा रही है।उन्होंने बताया कि डोर टू डोर भी आशा वर्करों के माध्यम से इसका सर्वे किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यदि कोई बच्चा पहले से ही बुखार या अन्य कोई दवाई ले रहा हो तो वह इस दवाई को ना ले। खासकर यदि किसी बच्चे को मिर्गी के दौरे आते हो तो वह भी इस दवाई को ना ले। बच्चों को दवाई देने के बाद यदि कोई समस्या आती है तो तुरंत संबंधित आशा वर्कर या आंगनवाड़ी वर्कर से संपर्क करें।