रोहतक, 5 नवंबर : अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने जिला के किसानों का आह्वान किया कि वे धान फसल के अवशेषों में आग न लगाएं। किसान धान की फसल के अवशेषों को खेत में मिलाकर उचित प्रबंधन करें। फसल अवशेषों को आग लगाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधित अनेक बीमारियां पनपती है।
अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार स्थानीय जिला विकास भवन स्थित डीआरडीए हॉल में फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने कहा कि किसान धान फसल के अवशेषों में आग न लगाएं ताकि वायु प्रदूषित न हो। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशानुसार जिला, खंड व ग्राम स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया गया है, जो फसल अवशेष जलाने की गंभीरता से निगरानी कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि किसान मौके पर फसल अवशेषों को आग लगाता पाया गया तो दोषी किसान की जमीन के रिकॉर्ड में रेड एंट्री कर दी जाएगी, जिसके कारण किसान वर्तमान सीजन व अगले दो सीजन तक मंडी में अपनी फसल नहीं बेच पाएगा तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं का लाभ नहीं ले पाएगा।
नरेंद्र कुमार ने कहा कि जिला में अब तक फसल अवशेष जलाने की 12 घटनाएं दर्ज की गई है, जिनमें से 7 घटनाएं सही पाई गई है तथा इन घटनाओं के दोषी किसानों के विरुद्ध अब तक 4 एफआईआर दर्ज करवाई गई है। यदि कोई किसान धान फसल के अवशेष को आग लगाता है, तो उसके विरुद्ध प्रदूषण रोकथाम अधिनियम 1986 व अन्य कानूनी प्रावधान के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने कहा कि किसान इन-सीटू व एक्स-सीटू विधि द्वारा पराली प्रबंधन करके सरकार द्वारा दी जा रही एक हजार रुपए प्रति एकड़ की सहायता का राशि का लाभ भी ले सकते है, जिसके लिए किसान को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट https://agriharyana.gov.in/applyshemes पर फसल अवशेष प्रबंधन योजना 2024 के तहत आगामी 30 नवंबर तक अपना पंजीकरण करवाना होगा।
उप कृषि निदेशक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जिला में लगभग 40 प्रतिशत धान की कटाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। किसान धान की फसल के अवशेषों का उचित प्रबंधन कर सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं। इस बैठक में रोहतक के उपमंडलाधीश आशीष कुमार, महम के उपमंडलाधीश दलबीर फोगाट, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजपाल चहल, तहसीलदार राजेश कुमार, अनेक ग्राम पंचायतों के सरपंच, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, विकास एवं पंचायत विभाग तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया।